श्री केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुण्ड में स्थित घोड़ा पड़ाव पर अव्यस्थाओं का बोलबाला।
दूसरे चरण की यात्रा अपने चरम पर लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता।
घोड़े की लीद रास्ते भर में होना पैदल चल रहे श्रद्धाओं के लिए परेशानी का कारण।
विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की यात्रा का दूसरा चरण प्रारम्भ हो गया हैं। बाबा श्री केदार जी के दर्शनों हेतु श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बृद्धि हुई जिससे श्री केदारधाम की यात्रा से अपनी आजीविका चलाने वालों के चेहरों पर चमक आयी है।
यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव गौरीकुण्ड में घोड़ा पड़ाव के आसपास मार्ग पर बने गढ्ढे ओर घोड़े की लीद ने पूरा यात्रा मार्ग बदहाल है जिससे पैदल यात्रि ओर घोड़े दोनों सुरक्षित नही हैं।
केदार बाबा की यात्रा के लिए प्रशासन को सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना होगा।
दूसरी तरफ गौरी माता मंदिर प्रांगण में 3 अक्टूबर देर रात को 2 एलपीजी सिलिंडरों के फटने से लगी आग के कारण हुए नुकसान को तरफ को राहत एवं बचाव दल ने समय रहते काबू पा लिया, अन्यथा किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नही किया जा सकता था।
विचारणीय प्रश्न है कि माँ गोरी के मन्दिर प्रांगण में केंटीन का संचालन करना कहीं न कहीं सही नही है प्राचीन परम्पराओं को ध्यान में रखकर अपना कारोबार करना होगा।