पुरानी पेन्शन बहाली को लेकर संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर इस बात की वार्ता।
मुख्यमंत्री ने दिया मोर्चे को आश्वासन सरकार भी पुरानी पेंशन बहाली को सकारात्मक रास्ता निकालने का करेगी प्रयास।
देहरादून। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर पुरानी पेंशन बहाली पर वार्ता की।वही मुख्यमंत्री धामी ने मुलाकात के दौरान पदाधिकारियों को पुरानी पेंशन बहाली पर सकारात्मक कदम का अश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने पुरानी पेन्शन बहाली के संमध मे कहा कि पुरानी पेंशन मुद्दे पर सरकार गंभीर है। यही ही नही केंद्र सरकार की ओर से पुरानी पेंशन बहाली पर कमेटी गठित की गई है, मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि राज्य सरकार भी पुरानी पेंशन बहाली का सकारात्मक रास्ता निकालेगी। विदित हो कि इससे पूर्व मोर्चे ने गैरसैंण मे विधानसभा घेराव भी किया था। जिस पर मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें देहरादून में पुरानी पेंशन बहाली पर वार्ता का न्यौता दिया गया था। मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में मोर्चे द्वारा लगातार पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है। लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नही दे रही।
उन्होंने कहा आज की वार्ता में मुख्यमंत्री के सकारात्मक अश्वासन दिये जाने से कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद को कुछ बल मिला है। उन्होने कहा कि एक मई से दिल्ली संसद मार्च कार्यक्रम के माध्यम से देश के लाखों एनपीएस कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी ,सफाई कर्मी, बैंक कर्मी, पुलिस कर्मी व रेलवे कर्मिंयों द्धारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगाई जाएगी। वार्ता में शामिल सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा है कि पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारी का नैतिक अधिकार है। पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय जल्द उत्तराखंड सरकार को लेना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल में मोर्चे के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप रावत, प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल, प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत, प्रदेश आईटी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल, प्रदेश महिला अध्यक्ष बबिता रानी, देहरादून जिलाध्यक्ष माखन लाल शाह, जोशीमठ कार्यकारिणी समन्वयक आशीष मिश्रा, मिनिस्ट्रियल फेडरेशन प्रदेश महासचिव मुकेश बहुगुणा, पर्वतीय कर्मचारी संघ अध्यक्ष आशुतोष सेमवाल व कलेक्ट्रेट संघ आदि शामिल थे