रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
मंदिर समिति द्वारा ज्योतिष पाठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वर प्रोटोकॉल के नाम पर रोके जाने से काग्रेंस ने जताई घोर नाराजगी।
केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल को खुल गए हैं। इसके साथ ही पहले दिन लगभग 18 हजार श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए, मगर, प्रोटोकॉल न होने का हवाला देकर ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को मंदिर जाने से रोक दिया गया। इसे लेकर संत समाज में रोष व्याप्त है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने केदारनाथ धाम कपाट खुलने के अवसर पर ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी को मंदिर समिति द्वारा प्रोटोकॉल के नाम पर रोके जाने को लेकर विरोध जताया है।
उन्होंने कहा की यदि केदारनाथ जैसे धाम में मंदिर समिति के एक अधिकारी सनातन धर्म के सर्वे सर्वे सर्वा शंकराचार्य जैसे व्यक्ति को रोकने की हिमाकत करता है तो सरकार की चुप्पी भी गले से नहीं उतरती है। इस मामले में राज्य सरकार अति शीघ्र जगद्गुरु शंकराचार्य से माफी मांगें व शंकराचार्य को पूजा अर्चना करने से रोकने वाले बद्री केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्य अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करे। अन्यथा भाजपा सरकार झूठे धार्मिक ढोल ना पीटे उन्होंने कहा कि यह तो शंकराचार्य जी की सादगी है जिन्होंने चुपचाप मुख्य कार्य अधिकारी की गैर जिम्मेदाराना हरकत को बर्दाश्त कर लिया।
श्री नेगी ने केदारनाथ धाम आदि गुरु शंकराचार्य जी की समाधि पर गंदगी के अंबार को लेकर भी सरकार व प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है और कहा कि स्वच्छता का ढोल पीटने वाली सरकार अपनी धरोहर को ही स्वच्छ नहीं रख पा रही है और स्वच्छता के नाम पर सिर्फ ढकोसला बाजी कर रही है।