मन की सारी बुराइयों को दूर करने का एक ही उपाय प्रभु के निर्मल मन से भक्ति

अगस्त्यमुनि जनपद रुद्रप्रयाग के अंतर्गत तल्ला नागपुर क्षेत्र ग्राम बोरा माता रानी दुर्गा देवी मंदिर परिसर दुर्गाधार में बाला सुंदरी समाज कल्याण समिति
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 मानेंद्र कुमार पप्पू/चोपता रुद्रप्रयाग, 

मन की सारी बुराइयों को दूर करने का एक ही उपाय प्रभु के निर्मल मन से भक्ति------- कथा वाचिका पूज्य राधिका जोशी केदारखंडी।

मानव जीवन का अर्थ निष्काम भाव से कर्म करना है, फल समय के साथ साथ स्वयं मिलता है। पशु भी अपना जीवन स्वयं के लिए यापन नही करते। 

विकासखंड अगस्त्यमुनि जनपद रुद्रप्रयाग के अंतर्गत तल्ला नागपुर क्षेत्र ग्राम बोरा माता रानी दुर्गा देवी मंदिर परिसर दुर्गाधार में बाला सुंदरी समाज कल्याण समिति के तत्त्वधान में, व कथा वाचिका महिला व्यास पूज्य राधिका जोशी  केदारखडी के मुखरविद  बचनों से नवरात्रों के अवसर पर 9 दिवसीय श्रीमद देवी भागवत कथा महापुराण भव्य  आयोजन किया जा रहा है, 

आज श्रीमद देवी भागवत कथा के तीसरे दिन  पूजा राधिका जोशी ने सर्वप्रथम गणेश मंत्र, मां सरस्वती देवी, एवं मातृ पितृ देवो सभी इष्ट देवी देवताओं का ध्यान स्मरण करते हुए श्रीमद देवी भगवत कथा की शुरुआत की उन्होंने अपने वचनों में कहा कि हर व्यक्ति के जीवन के आठों पहर धीरे-धीरे बीत रहे हैं, व्यक्ति का सारा जीवन कट जाता है पता ही नहीं चलता है कब जीवन व्यतीत हुआ बचपन भी चला जाता है जवानी भी चली जाती है उसके बाद बुढ़ापे का असर धीरे-धीरे हो जाता है इस बीच  मध्य जीवन में हमने क्या-क्या बुरे काम किए क्या-क्या अच्छे कर्म किए जवानी में व्यक्ति छाती तान के चलता है किसी के सामने झुकता नहीं है। माता पिता अपने से बड़ों का आदर सत्कार नहीं करता है यहां तक भगवान के आगे भी नहीं झुकता है। आखिर में जब बुढ़ापा आया फिर व्यक्ति कमर झुकाकर चलता है शरीर के सारे अंग धीरे-धीरे कमजोर हो जाते हैं मनुष्य का अंधकार और अहंकार धीरे-धीरे टूटने लगता है। तब एहसास होता है कि मैं जीवन के शुरू में ही सबके सामने नतमस्तक होता आज ऐसा दिन नहीं देखना पड़ता  जीवन सफल हो जाता इसीलिए हम सभी व्यक्तियों को अच्छे कर्म करना चाहिए जिसका फल इसी जीवन में मिल जाए 

आज ऐसा युग आ गया है की मनुष्य मांसाहारी भोजन ग्रहण करता है किसी भी जीव जंतुओं पर दया नहीं करता है। इसका सबक हमें  पशुओं से मिलता है  पालतू पशु घास के अलावा कुछ नहीं खाते हैं। अगर उनके पास घास के अलावा और भोजन रखा जाए क्या वह खा लेंगे नहीं, जब पशु अपने कर्म पर चलता है तो हम मनुष्यों को भी अपने कर्म पर चलना चाहिए। शाकाहारी भोजन करना चाहिए जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन।  हम सभी व्यक्तियों को सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए, कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो। प्रभु जी पता नहीं किस समय आपको परिश्रम का फल दे इसीलिए सत्य का मार्ग चुनो। यही हमारी सनातन संस्कृति की पहचान और अभिन्न अंग है जिसे हमें आत्मसात करके अपने व्यवहार और कर्म को करना है। निष्काम भाव से भक्त की प्रार्थना जगत के कल्याण हेतु फलदायी होती है जबकि स्वयं स्वयं के लिए पशु भी अपना जीवन नही जीता है तो हम तो मानव शरीर मे हैं।

मां जगत जननी की कथा श्रवण हेतु  क्षेत्रीय श्रद्धालु भक्त जनों की भीड़ जुट रही है दूर-दूर से सभी लोग माता रानी दुर्गा देवी के दर्शन करने आ रहे हैं। 

    इस अवसर पर बाला सुंदरी समाज कल्याण समिति के समस्त सदस्यगण, ग्राम प्रधान बोरा जयंती गुसाईं, प्रह्लाद सिंह गुसाईं, महावीर गुसाई, उमेद गुसाईं, मानेंद्र कुमार, लखपत गुसाईं, हरीश गुसाईं, राखी गुसाईं,किरण गुसाईं, सुरेंद्र नेगी, हरेंद्र गुसाईं, देवेंद्र बर्तवाल, चंद्रबल्लव चमोला, आरती गुसाई, आदि सभी क्षेत्रीय लोग भक्त गण उपस्थित रहे

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