जंगलों में आग की घटना को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा जन-जन को किया जा रहा है जागरूक

जंगलों में आग की घटना को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा जन-जन को किया जा रहा है जागरूक
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 जंगलों में आग की घटना को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा जन-जन को किया जा रहा है जागरूक

पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में चीड़ के पेड़ अधिक होने के करण चीड़ की पत्तियां जंगलों में लगने वाली आग के लिए बारूद का काम करती हैं। जंगलों में आग की घटना होने से कितना नुकसान होता है का कागज पर आंकलन करना नामुमकिन है।

जनपद रुद्रप्रयाग के जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने लिए रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के उप वन संरक्षक श्री अभिमन्यु के कुशल निर्देशन में गावँ गावँ में जंगलों में आग लगने की घटनाओं को को रोकने के उपाय में प्रमुख उपाय  जनसहभागिता के साथ वनाग्नि सुरक्षा के लिए गोष्ठियों का लगातार आयोजन किया जा रहा है।


आज ग्राम मवांणगावँ में वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वन दरोगा श्री अनूप रावत द्वारा कहा गया कि जिस प्रकार पिछले वर्ष मवांणगाव के हितधारियों द्वारा अपने जंगल को आग से बचा के रखा उसी तरह से इस वर्ष भी सभी सदस्य अपनी भागीदारी को बनाएं रखेंगे। आग लगने की सूचना को कंट्रोल रूम को देना, और हम सभी का कर्तव्य है कि आग से हमारा जगंल कैसे बचे के लिए सतर्कता का होना आवश्यक है। जंगल हमारे अपने हैं और अपना नुक्सान कौन चाहता है के साथ हम आगे बढ़ेंगे तो आने वाली पीढ़ियां पर्यावरण के प्रति अपना कर्तव्य के बारे में जानेगी जिससे जीवन सुरक्षित रह पायेगा। पर्यावरण के असुंतलन के कारण होने वाले दुस्प्रभाव से सभी अवगत हैं। इसलिए हम सबका दायित्व है कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी रखें। 

जनपद रुद्रप्रयाग की फायर सर्विस की टीम से SI  श्री गणनाथ सिंह बिष्ट के द्वारा उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आग लगने की घटना की सूचना को 112 नम्बर पर कॉल करके समय पर देने से किसी जनपद रुद्रप्रयाग की फायर सर्विस की टीम से SI  श्री गणनाथ सिंह बिष्ट के द्वारा उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आग लगने की घटना की सूचना को 112 नम्बर पर कॉल करके समय पर देने से किसी अप्रिय घटना को तत्काल रोका जा सकता है।  सतर्कता और सावधानी से किसी भी घटना को रोकने में सर्वोत्तम संसाधन बनते हैं। आने वाले माह मार्च से जून तक आग की घटनाएं अधिक होती हैं इसके लिए सभी की सदस्यों को सावधान व् सतर्क रहना होगा और सूचना देने में अपना सहयोग करना होगा। इस गावं में पिछली वर्ष जंगल में जन सहभागिता से आग लगने की घटना नहीं हुई इसके लिए सभी गावं वाले बधाई के पात्र हैं और अपना सहयोग इस तरह से देते रहेंगे यह आशा और विश्वास है। जिस तरह से आपने वन पंचायत के सूक्ष्म कार्ययोजना में पिरूल से कोयला बनाने का प्रस्ताव रखा है यह सभी क्षेत्रवासियों को रोजगार का साधन बनेगा व वनाग्नि की घटना को न्यूनतम स्तर तक लाने में अपना योगदान देगा। 

इस मोके पर वन दरोगा श्री अनूप रावत, वन आरक्षी श्री कुलदीप थलियाल, रुद्रप्रयाग फायर सर्विस से SI श्री गणनाथ सिंह बिष्ट, fm मनोज खत्री, fm संदीप बिष्ट, चालक मोहन सिंह, श्री भूपेंद्र जगवाण, श्री महावीर नेगी, श्री पूर्ण सिंह, श्री दीपेंद्र लाल, श्री अरविन्द, श्री मुकेश आर्य, श्रीमती भारती देवी, श्रीमती नीलम देवी, श्रीमती रौशनी देवी, श्रीमती भागीरथी देवी सहित मवाणगावं के ग्रामवासियों की उपस्थिति रही। 

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