रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
ग्राम पंचायत कुरछोला मे मनरेगा के तहत निर्मित तालाब से जलस्रोत मे हुई भारी वृद्धि।
कुरछोला के समुद्रतल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर बच्वाड़ नामी तोक मे किया गया तालाब का निर्माण।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के के अन्तर्गत फोकस कार्य के लिए चयनित बैडलेण्ड एरीया के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कुरछोला की बच्वाड़ नामी तोक जो कि समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा प्राकृतिक रुप से परिपूर्ण स्थल है।
इस स्थान पर सेब,आड़ू, अखरोट, नाशपाती, एवं विभिन्न प्रकार की मौसमी फलो, सब्जियों का उत्पादन ग्राम पंचायत कुरछोला के 30 परिवारों के द्वारा किया जा रहा है। इन विभिन्न प्रकार के प्रजातियों के पेड़,पौधो से घिरे इस स्थान मे पानी की कमी को देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कई चाल खाल बनायी गयी। कुरछोला गांव के बच्वाड़ नामी तोक मे पहले दल दलदली मिट्टी के पोखर बने हुए थे जिसमे से केवल बरसात के मौसम मे पानी ठहरता था।और गांव के समस्त स्रोतों मे पीने के पानी की कमी हो जाती थी।
अब पोखर, तालाब के निर्माण के चलते स्रोतों मे पानी के लेबिल मे बढ़ोतरी हो गयी। इस तालाब बनने से पूर्व ग्राम पंचायत कुरछोला के पानी के स्रोतों मे पानी का स्तर प्रति मिनिट 5 लीटर था अब तालाब निर्माण के उपरांत पानी का स्तर प्रति मिनट 15 लीटर की बृद्वि हुई है। वही कुरछोला के प्रधान मनीष पवार ने बताया कि तालाब के निर्माण मे भूमिगत जल मे वृद्धि के फलस्वरूप काश्तकारों की आजिविका मे काफी हद तक सुधार हुआ है।
जिसमे अखरोट,आड़ू, सेब, नाशपाती, आलू,आदि के उत्पादन व विक्रय मे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से आय मे वृद्धि हुई है। प्रधान ने ये भी कहा है कि तालाब निर्माण से पूर्व 1 लाख लीटर पानी उस स्थल पर कुछ माह तक रहता था, वही तालाब बनने के उपरांत वर्तमान समय मे पानी की जल स्तर 9लाख लीटर तक हो चुका है, वही तालाब बनने के बावजूद पानी के स्रोतो मे आयी वृद्धि से ग्राम पंचायत कुरछोला, नाग, पांजणा सहित 6 स्रोतों मे पानी की कमी दूर हुई है।


