रामरतन सिह पवांर/जखोली
देहरादून काग्रेंस कार्यालय मे भी पार्टी के शीर्ष नेताओं के द्वारा हरक सिह को पार्टी मे शामिल होने का विरोध।
विरोध प्रदर्शन मे जखोली के काग्रेसी नेता भी रहे शामिल।
जखोली-हरक सिह रावत को भाजपा द्वारा पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद उन्होंने सोचा कि मुझे यथाशीघ्र काग्रेंस पार्टी मे सहजता के साथ प्रवेश मिल जायेगा।लेकिन बूरे वक्त के मारे हरक सिह के खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनको पार्टी मे शामिल न किये जाने के स्वर काग्रेंस पार्टी मे उबर आये।वही कल 18 दिसंबर को काग्रेंस कार्यकर्ताओं ने देहरादून मे काग्रेंस भवन मे इकट्ठा होकर हरक सिह रावत को पार्टी मेआ शामिल न किये जाने के समन्ध मे भारी बिरोध जताया।काग्रेंस कार्यकर्ताओं का कहना है कि हरक सिह रावत ने अपने राजनीति के 40 सालो मे एक भी व्यक्ति व कार्यकर्ताओं के लिए विधायक का टिकट नही माँगा हाँ
सिर्फ केवल के सदस्यों को राजनीति मे लाने के लिए केवल अपने परिवार वाले के लिये टिकट
की माँग करते आये यानी जहाँ भी पार्टी मे रहे वहाँ परिवारवाद की राजनीति की और केवल अपने को अपने आप एक बड़े नेता का दर्जा दिया। मंगलवार देर शाम पर्वेक्षक मोहन प्रकाश जोशी की मौजूदगी मे काग्रेंस भवन मे पार्टी कार्यकर्ताओं ने हरक सिंह रावत को पार्टी मे शामिल न किये जाने के उपल्क्ष मे धरना प्रर्दशन व जमकर नारेबाजी की।साथ हरीश रावत,राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा सहित कई बड़े दिगग्ज नेता बिरोध मे उतर आये
वही जखोली ब्लाक से काग्रेसी नेता पूर्व जेष्ठ प्रमुख व वर्तमान मे जखोली बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अर्जुन गहवार ने भी देहरादून अपना हरक सिह के बिरोध मे बढ चढ हिस्सा लिया।
एक बातचीत के दौरान गहवार ने बताया कि 40वर्षो मे इन्होने उतराखंड को धोखा देने के सिवाय और कोई काम नही किया
हरक सिह रावत अगर इतने बड़े नेता है तो स्वयं की पार्टी बनाकर 70 सीटो पर चुनाव लड़कर अपनी सरकार क्यों नही बना लेते तो फिर हम समझे कि इनमें काबिलियत है। अभी वो अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसांई रावत के लिए. लैंसडाउन से टिकट की माँग कर रहे थे उतराखंड की जनता को क्या फायदा होगा इस बात को भी जनता को समझना होगा।