रामरतन पंवार/जखोली
6 दिन से चल रही खबरों पर हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने पर लगा विराम।
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में हरक सिंह रावत भाजपा से निष्काषित होने के 6 वें दिन किस पार्टी में शामिल होंगे की स्थिति स्पष्ट हो गयी है। भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने के लेकर कई दिन से चल रही अटकलें आज सही साबित हो गई। हरक सिंह रावत आखिरकार छठें दिन कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। भाजपा के 59 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं सोशल मीडिया में सुबह से चल रही थीं। जिन पर कि अब पूर्ण विराम लग गया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को कुछ दिन पहले भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं तेज हो गई थीं। बाद में कहा जाने लगा कि हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी आसान नहीं है। उनके कांग्रेस में शामिल नहीं होने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात सामने आईं।
हरक की कांग्रेस में वापसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ साथ कई दिग्गज नेता बाधा बन रहे थे। हरक सिंह को बिना माफी मांगे कांग्रेस में शामिल नहीं होने देने की बात कही थी। 2016 में उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार को संकट में डालने वालों में हरक सिंह रावत प्रमुख चेहरा बने थे। जबकि प्रीतम सिंह खेमा पूरी तरह से आश्वस्त था कि कांग्रेस में उनकी वापसी होगी।
हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने पर उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी से मेरी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, राजनीति में कोई माफीनामा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस की सरकार लाने के लिए एक गिलहरी की तरह योगदान दूंगा। विधानसभा 2022 के चुनाव के लिए अभी हरक सिंह कहां से चुनाव लड़ेंगे यह तय नहीं हुआ है।
अब देखना यह है कि हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल न होने देने के लिए जो कांग्रेसी दिग्गज बयान दे रहे थे उनकी प्रतिक्रिया इस पर क्या होगी।