सतेरा गांव में प्रसाद वितरण के साथ बगडवाल नृत्य सम्पन्न भारी संख्या में उमड़ा भक्तों का हुजूम- A large number of devotees gathered in the village of Satera with the distribution of prasad, the Bagdwal dance.

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 सतेरा गांव में प्रसाद वितरण के साथ बगडवाल नृत्य सम्पन्न भारी संख्या में उमड़ा भक्तों का हुजूम


रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की संस्कृति जितनी समृद्ध है, उतने ही मनमोहक यहां के लोकनृत्य-लोकगीत भी हैं। इनमें बगड़वाल नृत्य सदियों से गढ़वाल की धार्मिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। आज भी गढ़वाल के कई गांवों में बगड़वाल नृत्य का आयोजन किया जाता है। जिसमें जीतू बगड़वाल की प्रेम गाथा को जागर और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

तल्ला नागपुर क्षेत्र के सतेरा गांव में भी बगड़वाल नृत्य आयोजित किया गया। जिसका समापन प्रसाद वितरण के साथ हो गया है। इस दौरान देवता के रूप में पूजे जाने वाले जीतू बगड़वाल के जागरों के बीच ग्रामीणों ने खूब नृत्य किया। साथ ही जीतू बगड़वाल से सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। बगड़वाल नृत्य को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक नेगी ने बताया कि हम सभी को पांरपरिक संस्कृति को बचाने का प्रयास करना चाहिए। भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहेंगे।

मान्यता है कि आज से एक हजार साल पहले गढ़वाल रियासत के बगोड़ी गांव पर जीतू का आधिपत्य था. एक बार जीतू अपनी बहन सोबनी को लेने उसके ससुराल रैथल गांव जाता है। जहां उसकी प्रेमिका भरणा भी रहती है। जीतू की बांसुरी की धुन में अपनी प्रेमिका के प्रेम गीत गाता रहता था। उसकी धुन पर मोहित होकर खैंट पर्वत पर रहने वाली वन आछरियां (परियां) वहां पहुंच जाती है और उसे अपने साथ ले जाना चाहती हैं. तब जीतू उन्हें वचन देता है कि धान की रोपाई के बाद वह स्वेच्छा से उनके साथ चलेगा।

अंत में वो दिन भी आया, जब रोपाई के दिन खेत में ही आछरियों ने जीतू के प्राण हर दिए। इसके बाद अदृश्य शक्ति के रूप में जीतू बगड़वाल अपने परिजनों की मदद करता रहा। राजा ने जीतू की शक्ति को भांपते हुए पूरे गढ़वाल में उसे देवता के रूप में पूजे जाने का आदेश दिया। तब से लेकर अब तक लोग अपनी परेशानियों को हरने, सुख-शांति और समृद्धि की कामना से इस आयोजन को बडे़ प्रेम के साथ अपने गावों में कराते हैं।

इस मौके पर बगडवाल नृत्य समिति के अध्यक्ष हयात सिंह नेगी, नवयुवक मंगल दल अध्यक्ष डॉ पिंटू बुटोला, प्रधान निर्मला देवी, महिला मंगल दल अध्यक्ष सुषमा देवी, प्रेम सिंह नेगी, गुमान सिंह, बृजमोहन बुटोला सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

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