सोलि चाय बनेगी उत्तराखंड की पहचान

उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी चाय,
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 विजयपाल सिंह नेगी

सोलि चाय बनेगी उत्तराखंड  की पहचान। 

उत्तराखंड में छोटे चाय दुकान मालिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति के विकास में होगी परियोजना का उद्देश्य  बनेगा सहायक।

उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के साथ साथ साहसिक पर्यटन के अलावा हरिद्वार और उधमसिंहनगर को छोड़कर कोई ऐसे जनपद नहीं है जो अपनी भौगोलिक विषमता के चलते स्थानियों के लिए चिरन्तर आय के स्रोत में सहायक वातावरण वाला हो। इन पर्वतीय जनपदों में खेती किसानी व पशुपालन ही मुख्य व्यवसाय है और यह भी अनुत्पादक होने के चलते लागत के बराबर उत्पादन का मूल्य भी किसान को नहीं मिल रहा है जिसके स्थान विशेष के साथ कारण अनेकों हो सकते हैं। 

पहाड़ों की पहचान क्या उत्पाद बने जिससे रोजगार सृजन के साथ साथ आर्थिक व सामाजिक जीवन उच्च स्तर की तरफ अग्रसर हो सके।यह सवाल सदैव हर किसी के जेहन में कौंधता है और इसके लिए सरकार हो या स्थानियों के द्वारा कई प्रयास किये गए हैं जिसमें सबसे बड़ा प्रयास पहाड़ के लोगों की व्यापारिक समझ को बढ़ाने और अपने उत्पादों को बाजार में उतारने हेतु जो जागरूकता आयी है वह कहीं न कहीं मील का पत्थर साबित होगी।  

जनपद रुद्रप्रयाग के रुद्रप्रयाग केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तिलवाड़ा में दिनांक 29-01-2025 को सोली चाय स्टॉल का आधिकारिक उद्घाटन किया गया। इस समारोह में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक और डीन प्रोफेसर आर.एस. नेगी सहित विभिन्न हितधारकों, स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों और समुदाय के सदस्यों सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।

 इस परियोजना का उद्देश्य भारत में चाय की लोकप्रियता का लाभ उठाकर एक स्थायी, लघु-स्तरीय चाय की दुकान उद्यम मॉडल विकसित करना है जिसे पूरे राज्य में, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रारम्भ किया जा रहा है। ऐसा करने से यह चाय का व्यापार रोजगार सृजन, स्थानीय उद्यमिता और स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में अपना योगदान देगा। परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड में छोटे चाय स्टॉल मालिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाना है, इसके लिए एक व्यापक रणनीतिक पहल को लागू करना है

 - स्थानीय लोगों को छोटी-छोटी चाय की दुकानें खोलने के लिए प्रोत्साहित करके स्वरोजगार को बढ़ावा देना।

-स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करके आय में सुधार करना। 

कार्यक्रम की शुरुआत एक पारंपरिक समारोह से हुई, इसके बाद आईआरडी फाउंडेशन के निदेशक वीपी नेगी ने अतिथियों का स्वागत सम्मान फूल मालाओं ओर बेज अलंकरण कर किया। प्रोफेसर आरएस नेगी ने अपने मुख्य सम्बोधन में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्वादों को बढ़ावा देने में इस तरह की स्थानीय उद्यमशीलता पहलों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने प्रामाणिक और स्थानीय रूप से प्राप्त चाय उत्पादों की पेशकश करने की प्रतिबद्धता के लिए सोली टी स्टॉल के पीछे की टीम के प्रयासों की सराहना की।  

प्रोफेसर आर एस नेगी जी द्वारा पहाड़ में किस तरह के रोजगार मॉडल अपनाए जाएं पर विस्तृत रूप से बताया गया

उपस्थित लोगों ने नए उद्यम के बारे में अपना उत्साह और आशा व्यक्त  की कि, उम्मीद है कि यह तिलवाड़ा के आतिथ्य क्षेत्र में एक मील का पत्थर बन जाएगा। सोली टी स्टॉल का उद्देश्य आगंतुकों और स्थानीय लोगों के लिए एक आकर्षक माहौल के साथ पारंपरिक स्वादों को मिलाकर एक अनूठा चाय का अनुभव प्रदान करना है। 

आयोजकों ने व्यवसाय संचालन में पर्यावरण अनुकूल जैसे टिकाऊ पैकेजिंग और स्थानीय रूप से प्राप्त सामग्री को शामिल करने की अपनी योजनाओं की भी घोषणा की। सोली टी स्टॉल का सफल शुभारंभ स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने, पारंपरिक चाय संस्कृति को संरक्षित करने और क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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