रोजगार सृजन का स्रोत बनेगी चीड़ की पत्तियां

चीड़ की पत्तियों से बनने वाले आइटम,
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 चीड़ की पत्तियां नही अब बनेगी जंगलों के लिए अभिशाप, रोजगार सृजन का स्रोत बनेगी चीड़ की पत्तियां।

सिंगोली भटवाड़ी केट प्लान के तहत रुद्रप्रयाग वन प्रभाग द्वारा कुड़ी अदुली गावँ में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन।

भौगोलिक विषमता पहाड़ के लिए अभिशाप न बने के चलते रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की उप वन संरक्षक कल्याणी के कुशल नेतृत्व में सिंगोली भटवाड़ी केट प्लान योजना के तहत आय अर्जक गतिविधियों को बढाने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुवात की गई है।

आय अर्जक गतिविधि प्रशिक्षण के क्रम में आज उत्तरी जखोली रेंज के ग्राम कुड़ी अदुली में महिलाओं को पिरूल की पत्तियों से टोकरी, गुलदस्ता आदि तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पिरूल की पत्तियां जो कि पर्याप्त मात्रा में मिलती है और इनका उपयोग कोयला बनाने से लेकर सजावटी समाग्री तैयार करने में किया जा सकता है।




    यह पहल उप वन संरक्षक रुद्रप्रयाग कल्याणी के द्वारा प्रारम्भ की गई है जो कि अनूठी पहल है, और महिलाओं के द्वारा मनोयोग से प्रशिक्षण में भाग लिया जा रहा है, जो कि रोजगार सृजन कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित हो सकता है।


पिरूल का उपयोग सामान्यतः घरों में पशुओं की बिछावन के रूप में किया जाता है। इसका दूसरा उपयोग सजावटी सामाग्री बनाने में किया जा सकता है। जिसके गुर मास्टर ट्रेनर श्रीमती संगीता किमोठी, श्रीमती अर्चना मैठाणी व श्रीमती इंदु नोटियाल के द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित महिलाओं को सिखाये गये।


इस मौके पर अनंत हिमालयाज के प्रतिनिधि द्वारा प्रशिक्षण का महत्व के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया  प्रशिक्षण प्राप्त कर उसे अपने स्वरोजगार का स्रोत बनाने से हर हाथ को काम मिलेगा जिससे क्षेत्र की समृद्धि और हमारे आसपास भरपूर मात्रा में मिलने वाला कच्चा माल जिसका हम कीमत को बढाकर लाभ कमा सकते हैं। हम इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के उद्देश्य को समझे व अपने दैनिक जीवन मे इस प्रशिक्षण को आत्मसात करें।

वन पंचायत सरपंच जगदीश सिंह ने कहा कि हमारे गाँव मे यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया जिसका लाभ अवश्य मिलेगा व यह अलग तरह का कार्यक्रम है जिसे प्रदर्शनी में अलग स्थान मिलेगा व पिरूल पत्तियों से बने उत्पाद को खरीददार अच्छे मिलेंगे क्योंकि यह अलग तरह का उत्पाद है। हम आशा करते हैं कि हमारे गाँव मे इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन होता रहे।

इस मौके पर रुद्रप्रयाग वन प्रभाग से वन दरोगा अनूप रावत, वन आरक्षी शुभम चौहान, वन आरक्षी आशुतोष पुरोहित व ग्रामीण प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे।

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