शिक्षक दिवस हर साल पर फिर भी शिक्षक बेहाल
शिक्षक दिवस 5 सितंबर के दिन पर सभी के मन में गुरु के प्रति आस्था और समर्पण की भावनाएं होती हैं जो कि अपने अभीष्ट को प्राप्त करने में गुरु की दी हुई सीख से ही मिल पाता है। गुरु द्रोण और शिष्य एकलव्य, की भावना ही गुरु और शिष्य की परम्परा को दृढ़ और सर्वस्व न्योछावर करने की प्रवृति का बोध कराती है।
सरकारों की तरफ से भी आज गुरुर ब्रह्मा गुरुः विष्णु गुरुर देवो महेश्वर का पाठ अपने भाषणों में किया गया ऐसे लगा कि अन्य के प्रति सरकार के मन में कुछ हो न हो गुरुओं के प्रति जो सम्मान उनके उद्बोधन में था गुरु भी धन्य हुए ऐसे भाषणों को सुनकर क्या पाठ पठाया जा रहा है वाह रे राजनीति तेरे भी रूप अनेक -
शिक्षकों की मांगें समय समय पर उठती रहीं हैं जो मुख्य मांग है वह है पेंशन की मांग क्या सरकार को आज शिक्षक दिवस के अवसर पर यह पुनीत कार्य कर देती तो लगता कुछ सम्मान भाषणों में नहीं अपितु उनके मन में भी शिक्षकों के प्रति था।
शिक्षक दिवस हर साल पर शिक्षक फिर भीं हैं बेहाल पर अनंत हिमालय न्यूज पोर्टल एक जनमत संग्रहण करवा रहा है इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शिक्षकों के मन की बात जानने को लेकर है -
सर्वेक्षण के नियम व शर्तें -
1 - यह सर्वेक्षण दिनांक 05 सितंबर 2022 (07 :00 सायंकाल) से 15 सितंबर 2022 (मध्यरात्रि 12 :00) तक चलेगा 16 सितंबर को एक विस्तृत रिपोर्ट आपके सामने होगी कि इस खबर को यह नाम क्यों दिया गया था।
2 - इस जनमत सर्वेक्षण में एक सदस्य एक बार ही भाग ले सकता है।
3 - इस सर्वेक्षण में अपने उत्तर के सामने क्लिक करके वोट देकर रिजल्ट भी देख सकते हैं।


