एक गिलास पानी की कीमत जान नहीं हो सकती।
प्रादेशिक एस0 सी0 एस0 टी0 शिक्षक एसोशिएशन उत्तराखंड द्वारा माननीय राष्ट्रपति को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के माध्यम से जालौर में हुई अमानवीय घटना के विरोध में दिया गया ज्ञापन।
राजस्थान के जालौन जिले भीभत्स घटना ने सभी लोगों को झकझोर करके रख दिया। लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए की एक गिलास पानी की कीमत एक मासूम अपनी जान देकर चुकाई यह कृत्य कितना सही है। इसे मानवीय भूल कहें या मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्ति द्वारा किया गया कृत्य यह समझने के लिए आत्ममंथन की आवश्यकता है। क्या जातिवाद का नशा समाज को जोड़ के रख सकता है।
विदित हो की राजस्थान के जालौन जनपद में एक शिक्षक द्वारा एक छात्र की पिटाई इस बात पर की गयी थी कि बच्चा अनुसूचित जाति का था और उसने शिक्षक की मटकी से पानी पी लिया था। इसी बात पर शिक्षक द्वारा छात्र को पीटा गया और छात्र की अस्पताल इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी।
इसी घटना के विरोध में आज प्रादेशिक एस0 सी0 एस0 टी0 शिक्षक एसोशिएशन शाखा रुद्रप्रयाग उत्तराखंड द्वारा माननीय राष्ट्रपति को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के माध्यम से जालौर में हुई अमानवीय घटना के विरोध में ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में विरोध दर्ज करते हुए कहा गया कि भारत देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर चूका है और इस वर्ष को समस्त भारत आजादी महोत्सव के रूप में मना रहा है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश में अनुसूचित जाति एवं वंचित वर्ग पर अत्याचार से सम्पूर्ण अनुसूचित जाति प्रतिदिन किसी न किसी रूप में अत्याचार और मानसिक रूप से हो रहे उत्पीड़न से जूझता आ रहा है।
08 वर्षीय छात्र को बेरहमी से पानी पीने को लेकर पीटा जाना और छात्र की मृत्यु हो जाना देश के लिए यह घटना कंलक है। ऐसी घटना से अनुसूचित जाति/ वंचित वर्ग समाज आहत है।
मृतक छात्र परिवार के न्याय हो और साथ- साथ सामाजिक न्याय को मध्यनजर रखते हुए ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों के लिए ठोस कदम उठायें जाएँ जिससे की समाज समरसता बनें और वंचित वर्ग भी समाज की अंतिम पंक्ति होकर मुख्यधारा में रह सके।
इस अवसर पर सुंदरलाल शाह, जगदीश बंगवाल, गोपाल शाह , सोहन लाल टम्टा, कमल टम्टा, सत्येंद्र वैरवाण, वीरपाल परश्वाण, संजय, मनोज तिनसोला, अजय कुमार और धनी वैरवाण उपस्थित थे।