तहसील प्रशासन द्वारा नही की जा रही है अलाऊ की व्यवस्था -The arrangement of Alau is not being done by the Tehsil Administration

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 रामरतन सिंह पवांर/जखोली

तहसील प्रशासन द्वारा नही की जा रही है अलाऊ की व्यवस्था।

बाजारों मे व्यापारी स्वयं कर रहे आग जलाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था

पहाड़ के ऊचांईयो वाली चोटियों मे लगातार बर्फ गिरने शूरु हो गयी है जिस कारण से कड़ाके की ठंड शूरू हो चुकी है। आलम यह है कि भंयकर कड़क ठंड के चलते बहार आना मुश्किल हो रहा।

ज्ञात हो कि पहाड़ों मे छोटे छोटे बाजारों मे व्यापारियों व ठंड से ठिठुरते हुए लोगो के लिए सरकार ने बाजारों के चौराहे व भीड़भाड़ वाली जगहो पर सरकारी व्यवस्था पर अलाऊ जलाये जाने की भी व्यवस्था की है, ताकि इस ठंड से बचने के लिए अलाऊ चला कर ठंडी को दूर किया जा सके।

इस व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा अलाऊ जलाने हेतू प्रत्येक तहसीलों मे जलाने की लकड़ी के लिए धनराशि भेजती है ताकि इस धनराशि का सही समय पर उपयोग किया जा सके। लेकिन आलम यह है कि इस सरकारी धनराशि का उपयोग सही समय पर नही किया जाता है।आपको बता दे कि जखोली तहसील के अन्तर्गत मुख्य बाजार जखोली,मयाली, अमकोटी, फतेड़ू, और चिरबटिया जैसे ऊचांई वाले स्थान मे जाड़े के मोसम मे कड़ाके की ठंड पड़ती है।

ऐसे स्थानों पर तहसील प्रशासन के द्वारा शाम, सुबह को अलाऊ की व्यवस्था करनी चहिये थी, लेकिन इतना सब कुछ देखने के बावजूद भी जखोली का तहसील प्रशासन बाजारों के चौराहों पर अलाऊ जलाने को तैयार नही।

मयाली बाजार मे व्यापारी व स्थानीय लोग स्वयं इस ठिठुरती ठंड मे आग का प्रयोग कर रहे है। जबकि कुछ समय पूर्व रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल के द्वारा सर्वाधिक सर्दी को ध्यान मे रखते हुए एक बैठक भी बुलाई थी जिस बैठक मे अलाऊ जलाने के बिषय मे चर्चा की गई थी।लेकिन जिलाधिकारी की वह चर्चा के हवा बनने तक ही सीमित रह गयी।

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