रामरतन पवांर/जखोली
विधि विधान के साथ बंद हुए ग्यारहवें ज्योतिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट।
कपाट खोले जाने तक श्रद्धालु छः माह तक शीलकालीन गद्दी उखीमठ मे कर सकेंगे बाबा केदारनाथ जी के दर्शन।
जखोली-ग्यारहवे ज्योतिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट
शनिवार को विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। प्रातः काल 6 बजे श्री केदारनाथ मन्दिर के पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के भगवान भैरवनाथ का आह्वान कर समस्त धर्माचार्यों की उपस्थिति में विशेष मंत्रोचारण के साथ स्वयंभू लिंग को विभूति व फूलो से ढक दिया गया, तत्पश्चात बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति का श्रृंगार कर विग्रह डोली मे विराजमान कर दिया गया तथा परम्पराओं के अनुसार बाबा की डोली को भक्तो के दर्शन के लिए मन्दिर परिसर मे रखा गया।
सुबह आठ बजे उखीमठ के उपजिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा व देवस्थानम बोर्ड के अपर कार्यकारी की मौजूदगी मे समयानुसार ठीक 8 बजे केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिये गये, कपाट बंद होने के बाद डोली ने मन्दिर की तीन बार परिक्रमा की और श्रद्धालुओं के जयकारों के अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हो गयी।
साथ ही देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डाक्टर हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली मन्दिर की परिक्रमा के बाद प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान करेगी,तथा 7 नबम्बर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी मे मे प्रवास करेगी तथा 8 नवम्बर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ मे अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल मे विराजमान हो जायेगी और अब श्री केदारनाथ के कपाट खुलने तक उखीमठ मे ही पूजा अर्चना की जायेगी।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के समय उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, देवस्थानम बोर्ड के सदस्य आषुतोष डिमरी, आयुक्त गढ़वाल रवि रमन, जिलाधिकारी मनुज गोयल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी डी रतूड़ी, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, जिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा धर्माचार्य ओंकार शुकला , प्रदीप सेमवाल,जल विद्युत निगम के डी जी के के बिष्ट, अध्यक्ष विनोद शुक्ला मन्दिर प्रशासनिक अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, आदि मौजूद थे।