हिमालय की आवाज
सब स्टेशन 33 केवी जखोली की विद्युत सप्लाई बार बार बाधित होने से ग्रामीण परेशान।
प्रत्येक दिन दिनभर विद्युत लाइन फाल्ट के नाम पर मांगे गए शट डाउन के कारण हो रही समस्या।
तकनीकी विभाग का दम्भ भरने वाले विद्युत विभाग खुद ठेकेदार के रहमोकरम पर सांसे भरने को मजबूर। आखिर ऐसी क्या विपदा आयी ऊर्जा प्रदेश का दम्भ भरने वाले उत्तराखण्ड के इस सब स्टेशन पर जो दिनभर विद्युत कटौती का कोई पता नही बत्ती कब आये कब जाए। आलम यह है कि दिनभर में हर घण्टे या डेढ़ घण्टे बाद बत्ती का जाना आम हो गया है जिससे ग्रामीण जनता के साथ साथ छोटे उद्योग वालों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
अमूमन देखा जाता है कि विद्युत व्यवस्था तकनीकी जानकारों के हाथ मे कमान होती है पर यहां तो ठेकेदार के मार्फ़त लाइन का संचालन किया जा रहा है। ठेकेदार ने भी बिना किसी डिग्री डिप्लोमा के जिसको चाहा भर्ती करके लाइन का जिम्मा दे दिया ओर लाइनमैन बना दिया है। जिसके चलते यह सारी समस्या हो रही है।
विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को कभी यह देखने में नही आया कि शट डाउन इतने ज्यादा क्यो बढ़ गए हैं इसका कारण या तो पूरी लाइनों में कहीं न कहीं फॉल्ट है या लोड सम्भाल नही पा रही लाइन जो भी हो उसका निस्तारण किया जाए। यह अवश्य रूप से गोर करने वाली बात है जिसका जबाब कोंन देगा सब टेक्निकल फाल्ट बताते हुए अपना पल्ला झाड़ने का काम करेंगे।
ठेकेदार ने लाइन की देखरेख के लिए लाइनमैन नियुक्त किये हैं उनके पास सेफ्टी के कोई भी उपकरण नही हैं जो कि कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। लाइनमैन बने युवा वर्ग मजबूरी में बोल भी नही सकते क्योंकि नोकरियों की विकट समस्या है और इन्हें अपना परिवार पालना ही है।
विद्युत विभाग को एक बार अपनी बड़ी लाइन ओर छोटी विद्युत लाइनों का गहन निरीक्षण कर समस्या का समाधान करना होगा और बड़े फीडरों को हटाकर छोटे फीडर बनाने होंगे नही तो राजस्व घाटा होने के चलते विद्युत बिलों का भार आम जनता के सिर पर बढ़ेगा।


