ग्रामीणों को जैव उर्वरक आधारित कृषिकरण के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु कार्यशाला

गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड तथा भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी नई दिल्ली (INYAS) के तत्वावधान
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  रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

विकासखंड जखोली के ग्राम पंचायत कोठियाड़ा मे दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

 जखोली- गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान श्रीनगर गढ़वाल उत्तराखंड तथा भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी नई दिल्ली (INYAS) के तत्वावधान में रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली ब्लॉक के कोठियाड़ा ग्राम मैं दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 14 मार्च को जी बी पंत के वैज्ञानिक तथा INYAS रुड़की श्रीनगर चैप्टर के कॉर्डिनेटर  डॉक्टर अरुण कुमार जुगरान द्वारा किया गया।

      कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दुर्गम क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों को जैव उर्वरक आधारित कृषिकरण के प्रति प्रोत्साहित करना था। कार्यशाला का उद्घाटन  वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार जुगरान के द्वारा किया गया। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर चन्द्र शेखर, वैज्ञानिक एफ एवं यूनिट प्रभारी ने किसानों को विज्ञान संबंधित शोध कार्य एवं उच्च कृषि शिक्षा के लिए मार्गदर्शक तथा प्रोतसाहित किया। तत्पश्चात डॉ जुगरान द्वारा संस्थान का परिचय एवं हिमालय में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों की खेती की पैदावार को बढ़ाने के लिए जैव उर्वरक के उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया। 

    डॉक्टर जुगरान ने हिमालयी क्षेत्र में उपस्थित विभिन्न फसलों जंगली फलों तथा औषधीय पादपों का वर्णन करते हुए  उनमें उपस्थित पोषक तत्व तथा औषधीय गुणों की जानकारी दी एवं पादपों  को स्वरोजगार का एक विकल्प भी बताया । कार्यक्रम कार्यशाला की अध्यक्षता वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर चन्द्र शेखर, वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार जुगरान, श्रीमती अनिता कोठरी, श्री हयात सिंह राणा एवं संपूर्ण शोधार्थीयो के सानिध्य में किया गया। 

    श्रीमती अनिता कोठारी ने वन एवं खाद्य फलों का जैव प्रसंस्करण एवं श्री हयात सिंह राणा ने जीवामृत एवं बीजामृत  के उपयोग द्वारा स्वरोजगार का विकल्प प्रदान किया। ग्राम प्रधान महोदया ने कार्यक्रम के आयोजन एवं अतिथियो का स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापन किया।  कार्यशाला के द्वितीय टेक्निकल सत्र में संस्थान के शोधार्थियों आशीष कुमार,  कल्पना रौतेला, अभिषेक पोखरियाल ने ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को जैव उर्वरक (बायोइनोकुलेंट) के लाभदायक गुणों से अवगत करवाया एवम जैविक कृषि के लिए प्रोत्साहित किया । 

    कार्यकम के अंतिम सैशन में सभी ग्रामीणों से सामूहिक विचार विमर्श एवम फीडबैक एकत्रीकरण संपन्न किया गया। अंत में कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु जी बी पंत संस्थान से डाक्टर चन्द्र शेखर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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