चारो धामों के कपाट बंद होने की तिथि घोषित।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ- गंगोत्री -यमनोत्री यात्रा वर्ष 2022।
• 26 अक्टूबर शीतकाल हेतु श्री गंगोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 1 मिनट पर बंद हो जायेंगे।
• 27 अक्टूबर भैयादूज के अवसर पर प्रात: साढे़ आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।
• 27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर को बंद हो जायेंगे।
• द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 वृश्चिक लगन नवंबर को बंद होंगे।
• 21 नवंबर को उखीमठ में आयोजित होगा मद्महेश्वर मेला।
• तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवंबर को बंद होंगे।
• केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये।
• कपाट बंद होने की तिथि के शुभ अवसर पर मंदिरों को भब्य रुप से सजाया गया।
विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ जी के धाम में आज विजय दशमी तिथि के शुभअवसर पर विधि विधान से पंचांग गणना के पश्चात कपाट शीतकाल के लिए बन्द होने की घोषणा रावल जी ने की गयी।
इस वर्ष भगवान बद्री विशाल के कपाट शनिवार को 19 नवम्बर सांयकाल में 3 बजकर 35 मिनिट में बन्द किये जायेंगे।
कपाट बंद होने की तिथि घोषणा से पूर्व मन्दिर परिसर में शरदकालीन नवरात्रि माँ उर्वशी की पूजा को सम्पन्न करने के बाद हुई। हेमकुंड साहिब में लक्ष्मण मन्दिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद किये जायेंगे।
विजय दशमी के महापर्व पर आज प्रात: 10.45 बजे देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये। वही राज्यपाल अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरुमीत सिंह ने गुजरात भवन में रक्षा मंत्री से भेंट की व इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय तथा मंदिर उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, एसपी श्वैता चौबे, एसडीएम कुमकुम जोशी ने उनकी अगवानी की। मंदिर समिति अध्यक्ष ने रक्षा मंत्री का माल्यार्पण अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया।
अध्यक्ष अजेंद्र अजय एवं उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने कपाट बंद होने की तिथि 19 नवंबर घोषित की।
आज विजयदशमी की तिथि को दोपहर बाद प्रारम्भ हुए शीतकालीन कपाट बंद हेतु धार्मिक समारोह में पूजा-अर्चना, विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना पश्चात लग्न, मुहुर्त देख कर तिथि 19 नवम्बर की तिथि तय की गयी। पूजा-अर्चना पंचाग गणना धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट द्वारा की गयी।
कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में
•15 नवंबर मंगलवार को सर्वप्रथम पूजा अर्चना पश्चात शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जायेंगे।
• द्वितीय दिवस 16 नवंबर बुद्धवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होगें।
• तृतीय दिवस 17 नवम्बर बृहस्पतिवार को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा।
• चतुर्थ दिवस 18 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग लगाया जायेगा।
• पंचम दिवस 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित कर देंगे।
इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आ जाते है और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव चले जायेंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहते है। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां श्री बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी।
श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जायेगा तथा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकाल की पूजायें शुरू हो जायेंगी।
परम्पराओं के निर्वहन में कपाट बंद होने की तिथि तय होने के अवसर पर मंदिर समिति की ओर से हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गयी।
भंडारी थोक से अनूप भंडारी, गोविंद पंवार, मेहता थोक से रवीन्द्र मेहता, गोविन्द भट्ट को अगले यात्रा काल की भंडार व्यवस्था हेतु पगड़ी भेंट की गयी।