कटटर ईमानदार और भ्रष्टाचार- आप का क्या होगा
मंदिर मस्जिद भेद कराते- मेल कराती मधुशाला, यह पंक्तियाँ कालजयी रचना मधुशाला में हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखी गयी थी जो दिल्ली में आजकल चल रहे दंगल पर एकदम उल्टी हो गयी यहां शराब पर ही दंगल हो गया।
मामला है दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर सीबीआई द्वारा छापे की कार्यवाही। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कई बवाल हुए कई अधिकारी नपे फिर तय किया गया कि आबकारी नीति में जो गड़बड़ हुई है उसकी जांच सीबीआई द्वारा की जाए। यही मामला जब सीबीआई ने देखना शुरू किया तो, हो गया देश भर में बवाल कि जिसने भी आँख उठायी उस पर सीबीआई और ईडी के छापे पड़ रहें हैं, यही बात दिल्ली सरकार मंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर भी लागू हुई कहने वालों के हिसाब से।
एक तरफ एक ही दिन में दो विदेशी अख़बारों में दिल्ली की शिक्षा नीति से शिक्षा में गुणात्मक सुधार का दिल्ली मॉडल विश्व में सर्वश्रेष्ठ है लोग इस खबर को पढ़ ही रहे थे कि अचानक खबर आयी मंत्री जी पर छापा पड़ गया क्या सयोंग है न उगलते बन रहा, न निगलते। सीबीआई के अफसरों को इतना भी रास नहीं आया कि शिक्षा के क्षेत्र में हुआ अभूतपूर्व कार्य की प्रशंसा के बाद मिठाई बांटने का समय दे दें।
जब यह प्रकरण सीबीआई को सौंपा जा रहा था तो अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और भविष्यवाणी कर दी थी कि सत्येंद्र जैन की तरह मनीष सिसोदिया भी जेल जायेंगे। यही आशंका अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के समय भी सही साबित हुई थी, तो यह भविष्यवाणी भी सही साबित होगी। यहां अब आशंका सच होने की बात इसलिए है, की एफआईआर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और आबकारी मनीष सिसोदिया का नाम जोड़ दिया गया है, और उनके दिल्ली सरकारी आवास समेत करीब सात राज्यों में बीस स्थानों पर एक साथ रेड की कार्यवाही सीबीआई द्वारा कर दी गयी है।
कहानी अब शुरू होती है तब से कितने नेताओं ने इस पर अपने वक्तव्य दे दिए, पर सीबीआई छापों में क्या मिला, नहीं मिला, क्या इस केस में भी ईडी का प्रवेश होगा, क्या मनीलॉन्ड्रिंग का केस भी बनेगा यह सब, कोई चर्चा का विषय ही नहीं है, जैसे ही सिसोदिया के घर पर छापा पड़ा वैसे ही आमआदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ताओं ने अपने हिसाब से व्याख्या करनी शुरू कर दी।
चल पड़ा एक नया एजेंडा जो मोदी का विरोध करेगा वह जेल जाएगा। क्या यह हकीकत है लोग गलियों में चौराहों पर चर्चा कर रहें हैं, उद्विग्न होकर झुंझलाहट में कोई पक्ष ले रहा, तो तबतक सामने वाले ने तर्कों को तरकश में ऐसे बिठा रखा की मोदी का विरोध का मतलब जेल जाना।
सभी राजनेताओं को केजरीवाल से समझना चाहिए की राजनीती किसे कहतें हैं मामला था शराब का, और चर्चा हो रही शिक्षा की। यह चमत्कार केवल राजनीती में ही हो सकता है, मामला क्या से क्या हो गया देखते देखते। केजरीवाल अच्छी तरह जानतें हैं, कि केस दर्ज हुआ जाँच एजेंसियों कुछ मिलेगा या, नहीं मिलेगा, यह बात कानून के जानकर या माननीय कोर्ट तय करेगा कि होना क्या है। यह मुद्दा विपक्ष को नहीं मिलना चाहिए की शराब के घोटाले में आम आदमी पार्टी का उपमुख्यमंत्री शिक्षा आबकारी मंत्री लिप्त है।
जनता जो इस प्रकरण के होने से आमआदमी पार्टी से छिटक सकती है, कि आम आदमी पार्टी जो ईमानदार होने की बात कहकर दिल्ली की सत्ता पाने में सफल हुई उसी के मुख्य सदस्यों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने को लेकर छापे पड़ रहें हैं।
पहले भी सत्येंद्र जैन पर लगे आरोपों के कारण जेल गए तो मनीष सिसोदिया का जो भी होगा वो बाद में देख लेंगे, पर केजरीवाल जनता के बीच यह संदेश दे गए की अच्छा काम करने की सजा मोदी दे रहें हैं। यही राजनीती की सबसे अच्छी समझ का परिचय केजरीवाल ने दिया। यह वक्तव्य उनका जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन गया। लो और करो इस मुद्दे पर राजनीती।
केजरीवाल ने बड़ी मासूमियत से कहा विदेशी अख़बारों में दिल्ली का शिक्षा मॉडल सर्वश्रेठ मॉडल बताया गया है। इसी बात की सजा मिल गयी सिसोदिया को। इसी लिए कहते हैं शिक्षा और शराब मेल ही नहीं है। यह बात केजरीवाल ने जनता के मन में अच्छी तरह से बिठा दी है। शिक्षा पर अच्छा कार्य करने की सजा मिली है इसलिए सिसोदिया जेल जाएंगे।
शराब जिसके नाम यह कार्यवाही हुई यह शराब का मुद्दा ही चर्चा से बाहर हो गया। शराब की जगह पर शिक्षा का मुद्दा उठ गया इसे कहते नब्ज पकड़ना।