रिपोर्ट-रामरतन पंवार/जखोली
रुद्रप्रयाग जनपद की दोनों विधानसभा शीटों पर उठ रहे बगावत के सुर- शैलारानी रावत ने किया निर्दलीय नामांकन ।
जनपद रुद्रप्रयाग में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 की रणभेरी बज चुकी है रुद्रप्रयाग विधानसभा शीट से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा वर्तमान विधायक भरत सिंह चौधरी पर दावं खेला है तो कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विकासखंड जखोली के प्रमुख प्रदीप थपलियाल को मैदान में उतारा है।
वहीं जनपद रुद्रप्रयाग की केदारनाथ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के नाम सार्वजनिक कर दिये हैं। केदारनाथ विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी से लगभग 11 सदस्यों ने अपनी उम्मीदवारी पेश की थी। मगर नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक होने के बाद भी भाजपा ने केदारनाथ में अपने पत्ते नहीं खोले हैं कारण क्या है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। केदारनाथ विधानसभा सीट पर हर हाल में भाजपा जीतना चाहती है, ऐसे में पार्टी गम्भीर मंथन में लगी है कि कौन सा प्रत्याशी अन्य दलों के प्रत्याशियों से दमदार साबित होगा।
आपको बता दे कि केदारनाथ सीट पर वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के मनोज रावत विधायक हैं और कांग्रेस ने मनोज रावत को चुनाव मैदान उतार दिया है। वही कुलदीप रावत जो कि 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी थे और 2017 में अपने दमखम से सभी अचम्भित किया था।
यदि हम केदारनाथ विधानसभा के 2017 के प्रत्याशियों और मतों को देखें तो -
विधान सभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा की और से दो महिला प्रत्यशियों में जोर आजमाइस चल रही है। भाजपा में अब केदारनाथ विधानसभा शीट पर बगावत देखने को मिल रही है जिसका उदाहरण शैलारानी रावत जो कि 2012 से 2017 तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधायक रही और 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी ने आज 24 जनवरी 2022 को अपना नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कर दिया है।
वही रुद्रप्रयाग शीट पर भाजपा के द्वारा भरत सिंह चौधरी को प्रत्याशी घोषित करने के बाद बगावत के सुर तेजी से उभर रहें हैं जिसमें वीर सिंह रावत जो की भाजपा के पुराने पदाधिकारी रहें ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का बयान मिडिया को दे दिया है। वही रुद्रप्रयाग शीट पर काग्रेंस पार्टी की तरफ से प्रदीप थपलियाल को नामित होने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी के टिकट दावेदार रहे नेता अपना थर्ड फ्रंट बनाने की बात कर रहे हैं ।
अब देखना यह है की भाजपा रुद्रप्रयाग और केदारनाथ शीट पर क्या रणनीति अपनाकर रूढे हुए नेताओं को मानती है। वही केदारनाथ विधानसभा में कांग्रेस पार्टी में एक जुटता दिखाई दे रही है पर रुद्रप्रयाग विधानसभा में कांग्रेस के द्वारा कैसे डेमेज कंट्रोल किया जाता है यह देखना है।