हाईकोर्ट का आदेश- निकाय चुनाव आरक्षण मामले के मूल रिकॉर्ड पेश करे उत्तराखण्ड सरकार।
नगर पालिका और अन्य में अध्यक्ष और मेयर के पदों के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी आरक्षण सूची को दी गयी हाईकोर्ट में चुनौती।
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह 14 दिसंबर 2024 को जारी अध्यक्ष पद के लिए अस्थाथी आरक्षण सूची के संबंध में लिए गए निर्णय के मूल रिकॉर्ड को कोर्ट में पेश करे। जिससे आरक्षण की स्थिति का स्पष्ट पता चल सके।
हाईकोर्ट नैनीताल ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण रोटेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 14 दिसंबर 2024 को जारी अध्यक्ष पद के लिए अस्थाथी आरक्षण सूची के संबंध में लिए गए निर्णय के मूल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करे। इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई।
अल्मोड़ा नगर निगम, धारचूला नगर पालिका, उत्तरकाशी नगर पालिका ओर गुप्तकाशी नगर पंचायत के साथ ही ओर अन्य में भी अध्यक्ष और मेयर के पदों के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी आरक्षण सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि नियमावली बनाने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। राज्य सरकार की 2024 की आरक्षण नियमावली गलत है, इसलिए निकायों का फिर से आरक्षण तय हो।